Friday, September 30, 2016



बढ़ती जनसंख्या : एक भयानक समस्या 


भूमिका – भारत के सामने अनेक समस्याएँ चुनौती बनकर खड़ी हैं | जनसंख्या-विस्फोट उनमें से सर्वाधिक है | एक अरब भारतियों के पास धरती, खनिज, साधन आज भी वही हैं जो 50 साल पहले थे | परिणामस्वरूप लोगों के पास जमीन कम, आय कम और समस्याएँ अधिक बढ़ती जा रही हैं |

भारत की जनसंख्या – आज विश्व का हर छठा नागरिक  भारतीय है | चीन के बाद भारत भी आबादी सर्वाधिक है | एक अरब भारतियों के पास धरती, खनिज, साधन आज भी वही हैं जो 50 साल पहले थे | परिणामस्वरूप लोगों के पास जमीन कम, आय कम और समस्याएँ अधिक बढ़ती जा रही हैं |

जनसंख्या-वृद्धि के कारण – भारतीय परंपराओं में बाल-बच्चों से भरा-पूरा घर ही सुख का सागर माना जाता है | इसलिए शादी करना और बच्चों की फौज़ जमा करने में हर नागरिक रूचि लेता है | यहाँ के लोग मानते हैं कि पिता का वंश चलाना हमारा धर्म है | ईश्वर-प्राप्ति के लिए पुत्र का होना अनिवार्य मन जाता है | परिणामस्वरूप लड़कियाँ होने पर संतान बढती जाती है |

दुष्परिनाम – जनसंख्या के दुष्परिणामों की कहानी स्पष्ट और प्रकट है | जहाँ भी देखो, हर जगह भीड़ ही भीड़ का सम्राज्य है | भीड़ के कारण हर जगह गंदगी, अव्यवस्था और हौचपौच है | देश का समुचित विकास नहीं हो पा रहा | खुशहाली की जगह लाचारी बढ़ रही है | बेकारी से परेशान लोग हिंसा, उपद्रव और चोरी-डकैती पर उतर आते हैं |

समाधान – जनसंख्या-वृद्धि रोकने के लिए आवश्यक है कि हर नागरिक अपने परिवार को सीमित करे | एक-से अधिक संतान को जन्म न दे | लड़के-लड़की को एक समान मानने से भी जनसंख्या पर नियंत्रण हो सकता है |

परिवार-नियोजन के साधनों के उचित उपयोग से परिवार को मनचाहे समय तक रोका जा सकता है | आज जनसंख्या रोकना राष्ट्रीय धर्म है | इसके लिए कुछ भी करना पड़े, वह करना चाहिए |


2 comments:

  1. हमारी ९०% जनता बहुत ही पिछडी सोच रखते हैं एसेमें जनसंख्या समस्या और भयानक है

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  2. भारत के ९०%लोग पिछडी सोचके है। जबरन नसबंदी ही ऊपाय है

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