गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस का अर्थ – हम 26 जनवरी का दिन समूचे भारत के लिए राष्र्टीय उल्लास का संविधान बनकर लागु हुआ | भारत ने अपने देश में ‘राजतंत्र’ की बजाय ‘गणतंत्र’ लागु किया | इसलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस कहा जाता है |
राष्ट्रीय उल्लास का दिन – 26 जनवरी का दिल समूचे भारत के लिए राष्ट्रीय उल्लास का दिन माना जाता है | इस दिन सबी राज्य सरकारों तथा केंद्रीय सर्कार अपनी-अपनी राजधानियों में शानदार उत्सव मानती है | सभी जिला मुख्यालयों में तथा राष्ट्रिय महत्त्व के कार्यालयों में राष्ट्रय ध्वज फहराया जाता है |
दिल्ली का उत्सव – 26 जनवरी की प्रातः दिल्ली के विजय-चौक से समारोह का आरंभ होता है | सर्वप्रथम राष्ट्रपति समारोह-स्थल पर ध्वजारोहण करते हैं | उन्हें 31 तोपों की सलामी देकर यह विश्वास दिलाया जाता है कि भारत की तीनों सेनाएँ अपने कर्तव्य को निभाने के लिए सदा तैयार हैं | पुष्प-वर्षो के बीच राष्ट्रपति जल, थल , वायु सेनाओं का अभिवादन स्वीकार करते हैं |
सैन्य-प्रदर्शन – दिल्ली के उत्सव पर भारतीय सैनिक शानदार सैन्य-प्रदर्शन करके भारतवासियों का मन मोह लेते हैं | भरपूर शाश्त्र-अस्त्र और आकर्षक वेशभूषा से सजे सैनिक जब पुरे अनुशासन में परेड करते हैं तो देशवासियों का सीना गर्व से फूल उठता है | इस दिन वायु सेन के लड़ाकू जहाज़ अपनी जाबाजी अदभुत प्रदर्शन करते हैं | विभिन्न नए टेंकों व शस्त्रास्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है |
स्कूलों तथा कॉलजों के छात्र-छात्राएँ भी इस दिन अपनी संगठित शक्ति का परिचय देते हैं | एन.सी.सी., एन.एस.एस. के जवान यह विश्वास दिलाते हैं कि देश की नई पीढ़ी भी देश का भार सँभालने के लिए तैयार करते हैं |
संस्कृतिक कार्यक्रम तथा झाकियाँ - 26 जनवरी के उत्सव पर विभिन्न प्रांत अपने-अपने प्रांत की प्रगति, संस्कृत, सभ्यता और विशेषता को दर्शाते हुए झाकियाँ निकलते है | विभिन्न प्रदेशों की नृत्य-मंडलियाँ अपने मोहक नृत्य दिखाकर उत्सव में उल्लास भर देती हैं | इस दिन राष्ट्रपति विभिन्न शेत्रों में महत्वपूरण कम करने वालों को पुरस्कार से सम्मानित करते हैं | इस दिन को उत्साह से मानना हर नागरिक का राष्ट्रिय कर्तव्य है |
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