यदि मैं प्रधानमंत्री होता !
मेरी कल्पना – अगर मैं प्रधानमंत्री होता ! यदि यह कल्पना सच होती तो मैं देख का नक्शा बदल कर रख देता | मैं भारतवर्ष को मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए जी-जान लगा देता | मैं अपनी सेनाओं को इतना मजबूत बना कि कोई भी देख हमारी सीमाओं में घुसपैठ करने का विचार ही न करता | न ही अंतरराष्ट्रीय मत की इतनी अधिक परवाह करता |
मेरी विदेश निति – मैं पड़ोसी देशों के साथ मित्र्तापुण संबंध रखता | अगर पडोसी देश हरारी दोस्ती का जवाब दुश्मनी से देता तो अवश्य ही उसकी ईंट से ईंट बजा देता | मेरा सिद्धांत यही होता –
“ह्र्दय हो प्रेम लेकिन शक्ति भी कर में प्रबल हो !”
देशद्रोह की समाप्ति – आज देख के अंदर देशद्रोहियों, भरष्टाचारियों, साम्प्रदायिक शक्तियों और शोषकों का बोलबाला है | भारत के चप्पे-चप्पे में विदेशी शत्रूओं के एजेंट छाय हुए हैं | मैं प्रधानमंत्री होता, तो इसे देशद्रोहियों को कुचलकर मरवा डालता |
भरष्टाचार पर रोक – वर्तमान भारत में भरष्टाचार का बोलबाला है | पिछले वर्षो में कितने बड़े-बड़े घोटाले हुए, किंतु किसी का भी बोल बाँका नहीं हुआ | इससे भरष्टाचार में लिप्त लोगों का उत्साह दुगुना हो गया है | अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो भरष्टाचार के विरूद्ध सखत कदम उठता | भ्रष्ट अधिकारियों को चुन-चुनकर दंड देता | ईमानदारी का व्यवहार करने वाले अधिकारयों को पुरस्कार देता |
सांप्रदायिकता पर रोक – भारत सांप्रदायिकता झगड़ो में काफी धन-बल नष्ट करता है | मेरा प्रयास होता कि सांप्रदायिक भावनाएँ न भड़कें | मैं हर प्रकार से अलाप्संख्यिकों की दुरी को कम करता | अलाप्संख्यिकों को रास्ट्रीय जीवन का अंग बनाने का प्रयास करता |
ओद्द्योगिक विकास पर बल - प्राधानमंत्री बन्ने पर मैं जनसंख्या-वृद्धि और बेरोजगारी के विरूद्ध अभियान छेड़ देता | शिक्षा, तकनीक और औधोगिक विकास के शेत्र में क्रांति ला देता | शिक्षा को रोज़गार मिलता | मैं देश के प्रतिभाशाली कलाकारों, वैज्ञानिक, खिलाडियों को पुरस्कारों से सम्मानित करता |
विदेशी संस्कृति पर रोक – आज भारत पर विदेशी संस्कृति के आक्रमण हो रहे है | महिलाओं को बाजारू संस्कृति का अंग बनाया जा रहा है | मैं इस बुरी प्रविर्ति पर रोक लगता | भारतीय संस्कृति और भारतीय मिट्टी का सम्मान बढानें के लिए हर संभव कोशिश करता |
0 comments:
Post a Comment