दैनिक जीवन में विज्ञान
जन-जीवन में क्रांति – विज्ञान के विकास से जन-जीवन में क्रांति आ गई है | विज्ञान ने बड़े-बड़े उद्योगों को जन्म दिया है | यातायात, संचार और श्रम के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुविधाएँ प्रदान की हैं | वैज्ञानिक साधनों के कारण आज पूरा विश्व कुटुंब की भांति बन गया है | विश्व की कोई भी घटना मिनटों-सैकड़ों में विश्वभर में फैल जाती है | दूरदर्शन, रेडियो, दूरभाष, इंटरनेट और उपग्रह-संचार से सारा विश्व मानो जुड़ गया है |
वैज्ञानिक उत्पादन में वृद्धि – आज से कुछ वर्ष पहले बिजली का अविष्कार नहीं हुआ था | तब न स्वचालित मशीनें थी, न रातें प्रकाशमान थीं | नगर और ग्राम संध्या होते ही अँधेरे से घिर जाते थे | आज हमारी रातें रोशन हैं | दिन में ही नहीं, रात में भी रोशनियाँ जगमगाती हैं | कारखाने दिन-रात उत्पाद उगलते हैं | मनुष्य की क्षमता कितनी बढ़ गई है !
स्वास्थ्य और चिकित्सा से सुधर – विज्ञान के कारण हमने अनेक बीमारियों पर विजय पा ली है | मृत्यु-दर को काफी मात्रा में नियंत्रण पा लिया है | जीवन का स्तर सुधार लिया है | बाढ़, सूखा, महामारी जैसी प्राक्रतिक विपदाओं पर भी काफी मात्रा में नियंत्रण पा लिया है | पोलियो, मलेरिया, चेचक जैसी अनेक बीमारियों के विरूद्ध अभियान छेड़कर जनजीवन को सुरक्षित बनाने के प्रयास जारी हैं |
तार्किक चिंतन का विकास – विज्ञान व्यक्ति के चिंतन पर भी प्रभाव डालता है | वह तथ्यों को महत्व देता है | इसका लाभ यह है कि मनुष्य अपनी रुढियों के जंजाल से मुक्त होता है | उसकी कपोल-कल्पनाएँ नष्ट होती हैं | जिन भ्रामक धारणाओं के कारण उसका जीवन नष्ट होता था, उसने उसे मुक्ति मिलती है |
विज्ञान सत्य की खोज का सबसे सशक्त साधन है | एक उदाहरण पर्याप्त है | क्रिकेट के मैच में लैग-अंपायर संदिग्ध कैच और रन-आउट के सूक्ष्म अंतर को पकड़ने में गलतियाँ कर जाता था | अतः उसकी छोटी- सी गलती किसी भी टीम या खिलाड़ी का मनोबल तोड़ देती थी | परंतु आज मशीन की सहायता से यह गलती टल जाती है | इस प्रकार विज्ञान अनेक रोगों की सही पहचान कराके हमें अनेक बीमारयों से बचा लेता है | सचमुच विज्ञान वरदान है |
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