समय का सदुपयोग
समय जीवन है – फैंकलिन का प्रशिद्ध कथन है –‘वकत को बरबाद न करो कियोंकि जीवन इसी से बना है |’ समय ही जीवन है | जीवन क्या है – जीने का कुछ वक्त | मृत्यु के बाद तो समय का कोई अर्थ नहीं रह जाता | अतः समय सबसे मूल्यवान है |
समय का सदुपयोग – समय का सदुपयोग यही है कि प्रत्येक कार्य निच्चत समय पर कर दिया जाए | उचित घडी बीत जाने पर किया गया कार्य निष्फल होता है | गोस्वामी तुलसीदास लिखते है –
का बरषा जब कृषि सुखाने | समय चुकि पुनि का पछिताने
उचित समय की अग्रिम प्रतीक्षा करनी पड़ती है | समय की अपेक्षा करने वाले को समय का रथ बुरी तरह रौंद डालता है | शेक्सपीयर का कथन है – “ मैंने समय को नष्ट किया और अब समय मुझे नष्ट कर रहा है |’
समय की पाबंदी – समय के प्रति सचेत तथा गंभीर रहना समय का सबसे बड़ा सम्मान है | समय के पाबंद रहकर समय की बचत की जा सकती है | यदि सारी रेलगाड़ियाँ समय पर छुटें और समय से पहुँचे ; सारे उत्सव-त्योहार ठिक समय पर प्रारंभ होकर ठिक समय पर समाप्त हों और सभी कार्य निश्चित समय पर हों, तो सभी मनुष्यों का समय बाख सकता है | राष्ट्रपिता गाँधी जी समय के पाबंद थे | वे एक मिनट की देरी को भी देरी मानते थे |
सफलता में समय की भूमिका – जीवन में सफलता पाने के लिए समय की अनुकूलता का होना | आवश्यक है | यदि संयु अनुकूल न हो तो मनुष्य के सरे प्रयत्न निष्फल हो जाते हैं | पढ़ाई के वक्त पढ़ाई, खेल के समय खेल, शादी के समय मौज़ और गृहस्थी के समे ज़िम्मेदारी – ये सब वकत पर ही अच्छे लगते हैं | जो व्यक्ति ऐसा नहीं करता, वह वकत के थपेड़े खाता रहता है |
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