Monday, October 17, 2016



Ram Manohar Lohia Hospital,
Civil Lines,
Karnal,
August 10, 20….

To 
The Superintendent of Police,
Karnal.
Sir,
I beg to bring to your kind notice that constable No. 67-M misbehaved with me yesterday near the Grain Market. I was returning from the hospital and had stopped at the Grain Market in order to make certain purchases.

It so happened that at the Gandhi Nagar crossing a cyclist was negotiating a turn to his right when the lights went off owning to breakdown of electricity. I was just following him. I slowed my vehicle and saw that the constable was beating the cyclist. I told him to stop beating him. Thereupon, he abused me and even charged at me. I went back toward my vehicle and thus saved myself.

Later in the day, I gathered that the constable was a drug addict. He is in the habit of misbehaving with the people. He also teases young girls and flings remarks at them. A shopkeeper in the Main Bazaar tells me that the constable extorts money from innocent farmers who come to buy seeds from the Grain Market. 

I hope you would take up the matter seriously. Kindly warn the constable to behave nicely towards the public in future. It will be appreciated if this constable is sent back to the police lines for a refresher course in traffic regulations and public dealing.
I remain,

Yours faithfully,
Rohit Sanayal.






To 
The Deputy Commissioner,
…………. City.

Sir,
We, the residents of Basti Nagar, wish to draw your kind attention to the increasing incidents of eve-teasing and lawlessness in the city. It has become a big menace for peace-loving citizens. Of late, the populations of this city has increased. Some bad elements have infiltrated into this quiet and calm city situated on the foothills of the Shivalik range of mountains. College boys who are not interested in studies join these bad elements and pollute the atmosphere in the city. They pass dirty remarks and even chase the poor and helpless girls. It has become very difficult to leave girls on city roads during dim hours. Some cases of molestation have already occurred.

Besides this, thefts in the city are on the increase. A few days ago, some bad characters broke into the house of a bank manager. It was a regular theft and the whole house was ransacked. In yet another incident, a lady teacher returning home in a rickshaw was waylaid and robbed of her whole month’s salary at pistol-point. Incidents of pick-pocketing have increased. Some important persons and the members of the Municipal Council shall wait upon you on the coming Monday at your residence to apprise you of the situation. 

We hope that you will take stringent action against the culprits and maintain law and order in the city. The sooner the evil is nipped in the bud, the better it will be.

August 20, 20….
Yours faithfully,
Residents of Civil Lines,
Ropar.





Sunday, October 16, 2016



जीवन में कंप्यूटर का महत्व

कंप्यूटर युग – इक्कीसवीं सदी कंप्यूटर की सदी है | कंप्यूटर विज्ञान का अत्यधिक विकसित एवं बुद्धिमान यंत्र है | इसके पास ऐसा मशीनी मस्तिक है जो लाखों-करोड़ों गणनाएँ पलक झपकते ही कर देता है | जिन गणनाओं को करने के लिए मुनीम, लेखपाल और बड़े-बड़े अधिकारी दिन-रात परिशम करके भी गलतियाँ किया करते थे, उन्हें यह यंत्र निर्दोष रूप से तुरंत हल कर देता है |

रेल-सेवाओं में आसामी – आप रेलवे बुकिंग-केंद्र पर जाएँ | पहले मीलों लंबी लाइनों में प्रतीक्षा करनी पड़ती थी | अब कंप्यूटर की कृपा से आप देश कीकिसी भी कोम्पुटरीकृत खिड़की से कहीं से कहीं की टिकट बुक करा सकते हैं | पूरा देश कंप्यूटर द्वारा जुड़ गया है |

मुद्रण में क्रांति – मुद्रण क्षेत्र में आएँ | एक बटन दबाते ही सारे अक्षरों को मोटा, पतला, टेढ़ा या मनचाहा बना सकते हैं | मुद्रण इतना कलात्मक, साफ-सुथरा और वैविध्य-भरा हो गया है कि पुरानी मशीनों अब बाबा आदम के जमाने की लगती हैं |

संचार-क्रांति में सहायक – संचार-क्षेत्र में कंप्यूटर ने क्रांति उपस्थित कर दी है | टेलीफोन, फैक्स, पोज़िग, मोबाइल के बाद इंटरनेट ने मनो सारा संसार अपने ड्राईंग रूम में कैद कर दिया है | इंटरनेट पर आप विश्व की कोई भी जानकारी घर बैठे-बैठे ले सकते हैं | विश्व के किसी कोने की पुस्तक या समाचार-पत्र पढ़ सकते हैं | कोई लिखित सामग्री हाथों-हाथ दूरस्थ संबंदी को भेज सकते हैं |

रक्षा-उपकरणों में उपयोगिता – रक्षा के उन्नत उपकरणों में, हवाई-यात्राओं में कंप्यूटर-प्रणाली अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है | भारत ने परमाणु-विस्फोट अत्यंत उन्नत कंप्यूटर प्रणाली से किया | कंप्यूटर की सहायता से ही हज़ारों किलोमीटर दूर ठिक निशाने पर वार करने की बिधियाँ विकसित हुई हैं |

स्वास्थ्य-सेवा में सहयोग – स्वास्थ्य के क्षेत्र में कंप्यूटर ने अदभुत सेवाएँ प्रदान की हैं | बीमारी की जाँच करने, संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण करने, ह्रदय-गति मापने आदि में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका है | आज ज्योतिषी भी कंप्यूटरीकृत जन्म-पत्रियाँ बनाने लगे हैं | इस प्रकार दैनिक जीवन में कंप्यूटर का उपयोग बढ़ गया है |




दैनिक जीवन में विज्ञान

जन-जीवन में क्रांति – विज्ञान के विकास से जन-जीवन में क्रांति आ गई है | विज्ञान ने बड़े-बड़े उद्योगों को जन्म दिया है | यातायात, संचार और श्रम के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुविधाएँ प्रदान की हैं | वैज्ञानिक साधनों के कारण आज पूरा विश्व कुटुंब की भांति बन गया है | विश्व की कोई भी घटना मिनटों-सैकड़ों में विश्वभर में फैल जाती है | दूरदर्शन, रेडियो, दूरभाष, इंटरनेट और उपग्रह-संचार से सारा विश्व मानो जुड़ गया है |

वैज्ञानिक उत्पादन में वृद्धि – आज से कुछ वर्ष पहले बिजली का अविष्कार नहीं हुआ था | तब न स्वचालित मशीनें थी, न रातें प्रकाशमान थीं | नगर और ग्राम संध्या होते ही अँधेरे से घिर जाते थे | आज हमारी रातें रोशन हैं | दिन में ही नहीं, रात में भी रोशनियाँ जगमगाती हैं | कारखाने दिन-रात उत्पाद उगलते हैं | मनुष्य की क्षमता कितनी बढ़ गई है !

स्वास्थ्य और चिकित्सा से सुधर – विज्ञान के कारण हमने अनेक बीमारियों पर विजय पा ली है | मृत्यु-दर को काफी मात्रा में नियंत्रण पा लिया है | जीवन का स्तर सुधार लिया है | बाढ़, सूखा, महामारी जैसी प्राक्रतिक विपदाओं पर भी काफी मात्रा में नियंत्रण पा लिया है  | पोलियो, मलेरिया, चेचक जैसी अनेक बीमारियों के विरूद्ध अभियान छेड़कर जनजीवन को सुरक्षित बनाने के प्रयास जारी हैं |

तार्किक चिंतन का विकास – विज्ञान व्यक्ति के चिंतन पर भी प्रभाव डालता है | वह तथ्यों को महत्व देता है | इसका लाभ यह है कि मनुष्य अपनी रुढियों के जंजाल से मुक्त होता है | उसकी कपोल-कल्पनाएँ नष्ट होती हैं | जिन भ्रामक धारणाओं के कारण उसका जीवन नष्ट होता था, उसने उसे मुक्ति मिलती है |

विज्ञान सत्य की खोज का सबसे सशक्त साधन है | एक उदाहरण पर्याप्त है | क्रिकेट के मैच में लैग-अंपायर संदिग्ध कैच और रन-आउट के सूक्ष्म अंतर को पकड़ने में गलतियाँ कर जाता था | अतः उसकी छोटी- सी गलती किसी भी टीम या खिलाड़ी का मनोबल तोड़ देती थी | परंतु आज मशीन की सहायता से यह गलती टल जाती है | इस प्रकार विज्ञान अनेक रोगों की सही पहचान कराके हमें अनेक बीमारयों से बचा लेता है | सचमुच विज्ञान वरदान है |




विज्ञान : वरदान या अभिशाप

विज्ञान एक वरदान – अर्केडियन फरार लिखते हैं- “विज्ञान ने अंधों को आँखों दी हैं और बहरों को सुनने की शक्ति | उसने जीवन को दीर्घ बना दिया है, भय को कम कर दिया है | उसने पागलपन को वश में कर लिया है और रोग को रौंद डाला है |” यह उक्ति सत्य है | विज्ञान की सहायता से असाध्य रोगों के इलाज ढूंढ लिए गए हैं | कई बिमारियों को समूल नष्ट कर दिया गया है |

रसोई-घर से लेकर मुर्दाघर तक सब जगह विज्ञान ने वरदान ही वरदान बाँटे हैं | विज्ञान की सयाहता से पूरी दुनिया एक परिवार बन गई है | जब चाहे, तब मनुष्य अपने प्रियजनों से बात कर सकता है | घंटे भर में दुनिया का चक्कर लगा सकता है | सैकेंडों में दुनिया-भर को कोई संदेश दिया जा सकता है |

विज्ञान ने दूरदर्शन, रेडियो, विडियो, ऑडियो, चलचित्र आदि के द्वारा मनुष्य के नीरस जीवन को सरस बना दिया है | चोबिसों घंटे चलने वाले कार्यक्रम, नए-नए सुंदर सुस्वादु  व्यंजन, सुखदायक रंगीन वस्त्र, सौंदर्य-वर्द्धक साधन विज्ञान की ही देन हैं |

विज्ञान : एक अभिशाप – विज्ञान का सबसे बड़ा कहता है – पर्यावरण प्रदूषण | इसके कारण आज शहरों में साँस लेना दूभर हो गया है | हर जगह शोर, गंदगी और बिमारियों का साम्राज्य-सा फैल गया है | कृत्रिम खादों, दवाइयां के कारण भूमि से उत्पन्न अन्न-फल तक दूषित हो गए हैं |

विज्ञान की सहायता से मनुष्य ने खतरनाक बम बना लिए हैं | इससे अनेक बार विषैली गैसों तथा रेडियोधर्मी किरने विकीर्ण हो चुकी हैं | भोपाल गैस कांड और ओजोन गैस की परत का फटना इसके ज्वलंत उदाहरन हैं | यातायात की तेज गति के कारण भी मौतें होने लगी हैं | लोगों के शरीर पंगु होने लगे हैं | ये सब जीवन पर अभिशाप हैं |

अमानवीयता – आज का वैज्ञानिक मानव स्वार्थी, छली, चालाक, कृत्रिम और विलासी हो गिया है | दया, मानवता, श्रद्धा, आदर, कोमलता जैसे मानवीय गुणों से उसका नाता टूट गया है | ये बातें मनुष्य के लिए अशुभ हैं | विज्ञान ने मनुष्य को बेरोज़गार बना दिया है | सैंकड़ो आदमियों का कम करने वाली मशीनों ने कारीगरों के हाथ बेकार कर दिए हैं |

निष्कर्ष – सच बात यह है कि विज्ञान के सदुपयोग या दुरुपयोग को ही वरदान या अभिशाप कहते हैं | विज्ञान का संतुलित उपयोग जीवनदायी है | उसका अंधाधुंद दुरुपयोग विनाशकारी है |




किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन

भारत-इंग्लैंड एकदिवसीय क्रिकेट-श्रंखला का पाँचवाँ मैच – 2 सितंबर, 2007 को भारत-इंग्लैंड एकदिवसीय क्रिकेट-श्रंखला का पाँचवाँ मैच होना था | इससे पहले भारत टेस्ट क्रिकेट-श्रंखला जीत चूका था | बदले में इंग्लैंड ने 3-1 से एकदिवसीय श्रंखला में बढ़त ले ली थी | भारत पर ‘करो या मरो’ का संकल्प सवार था |

भारत की शुरुआत-बैटिंग पारी – टॉस इंग्लैंड ने जीता | भारत को बल्लेबाजी के लिए उतरा गया | विश्व की सबसे प्रसिद्ध सलामी जोड़ी-यानि सचिन और सौरव बल्लेबाजी के लिए उतरे | भारत के दो-दो यशस्वी भूतपूर्व कप्तान संग-संग जूझ रहे थे | सचिन ने एक-एक करके इंग्लैंड के सभी गेंदबाजों जो धुन डाला | उन्होंने प्रसिद्ध गेंदबाज लेविस के छठे ओवर में चार चौके जड़ दिए | उधर गांगुली भी फार्म में आ गए | उन्होंने मिड आन के ऊपर से चक्का मारा तो कप्तान कोलिनबुड खुद गेंदबाजी करने लगे | सलामी जोड़ी ने 116 रन बना डाले | यह उनकी विश्व-रिकार्ड बनाने वाली 19वीं शतकीय पारी थी | कोलिनबुड की गेंद पर सचिन लपके गए | उधर पनेसर की गेंद पर छक्का मारने के प्रयास में सौरव भी लपके गए | उसके बाद युवराज सिंह ने छक्के-चौकों की आतिशी बल्लेबाजी से 72 रन बनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर लिया | भारत पर रन बनाने का भुत इतना सवार था कि कप्तान  राहुल रन आउट हो गए | एक खाली गेंद पर ही खिलाडियों ने भागकर दो रन बना लिया | अंतिम गेंद पर भी चौका जड़ा गया |

इंग्लैंड की पारी – इससे पहले कि इंग्लैंड की पारी शुरू होती, बारिश शुरू हो गई | बारिश रुकी तो इंग्लैंड को 45 ओवेरों में 311 रन बनाने का लक्ष्य दिया गया | इंग्लैंड के बल्लेबाज शुरू से ही आक्रामक खेल खेले | उन्होंने साढ़े छ: रन प्रति ओवर की गति बनाकर राखी कि ज़हीर खान के एक ओवर में सचिन ने हाथ में आई कैच छोड़ दी | भारत को झटका लगा | परंतु सात रन पर उनके सलामी बल्लेबाज कुक को विकेटकीपर धोने ने कैच-आउट कर दिया | उसके बाद आए बेल ने शानदार पारी खेली | दुर्भाग्य से सौरव गांगुली और अजित अगरकर ने हाथ में आए दो कैच और छोड़कर गेंदबाजों को और निराश कर दिया | यहाँ तक कि खीझ में आकर ज़हीर खान ने गेंद को पैर की ठोकर मारकर एक अतिरिक्त रन दे दिया |

अगले ही क्षण धोनी ने बेल को खूबसूरती से स्टंप आउट कर दिया | अगले ही ओवर में धोनी ने विकेट के पीछे एक और कैच लपका | तीन विकेट गिरते ही भारत का उत्साह बढ़ गया | वह दिन मानो धोनी के नाम था | उसने तीन और कैच लपके | इस प्रकार उसने एक ही मैच में 6 विकेट लेकर विश्व-रिकार्ड की बराबरी कर ली | इधर इंग्लैंड के कप्तान कोलिनबुड उन्मादी क्रिकेट खेलकर भारत के गेंदबाजों की धज्जियाँ उड़ा रहे थे | उन्होंने सभी दिशाओं में हवाई छक्के लगाए | 91 रनों की बेहतरीन पारी खेलते हुए वे बावड ही थे कि फिर से बारिश शुरू हो गई | अभी 39 ओवर हुए थे और इंग्लैंड ने 8 विकेट  पर 242 रन बना लिए थे | निश्चित रूप से यह मैच भारत की झोली में था | निर्णायकों ने डकवर्थ लुईस नियम के अनुसार भारत को बिजयी घोषित कर दिया | इस प्रकार आगामी दो मैचों का संघर्ष और भी रोचक हो गया | भारत ने श्रंखला जीतनी है तो उसे अपने दोनों मैच जीतने होंगे |

स्मरणीय बातें – इस मैच में सचिन-सौरव की सलामी बल्लेबाजी और छोड़ी हुई कैचें और एक युवराज और कोलिनबुड के रोमांचक छक्के याद रहेंगे | सबसे ज्यादा यद् रहेंगी धोनी की 5 शानदार कैचों और एक स्टंप | सौरव ने गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में सुंदर प्रद्शन किया | इसलिए उन्हें मैन ऑफ़ द मैच घोषित क्या गया |


Friday, October 14, 2016



Population Problem 

The 2001 census that India’s population has crossed the one billion mark. It was 100 crore and 127 lack on March 1, 2001. Ours is the second most populous country in the world after China. Every year we add one Australia to our world after China. Every year we add one Australia to our population. Although India covers 2.4 percent of the total world area, it contains 16 percent of the world population. The situation is alarming. The population problem poses several dangers. On account of the fast rising population, people do not get enough to eat. There is no space for living. Children cannot be properly educated and when they complete their education, there are hardly any jobs for them. 

Men today outnumber women in our country. Kerala achieved the distinction of being the first fully literate state in India in April 1991. Unless steps are taken to provide more education opportunities for women, our family life will suffer. Women as mothers are the best teacher for their children.

The country should take a serious note of the population explosion. Our progress is possible only when we can look after all our countrymen, educate them, give those jobs and ensure the minimum standard of lively for every citizen in this vast country. We must control our population; this is in our national interest.


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